कोशी इलाके में हेरोइन का कहर: युवाओं को लील रही ‘सूखा नशा’ की लत

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सुपौल विशेष संवाददाता;

सुपौल जिले के कोशी क्षेत्र में युवाओं के बीच ‘सूखा नशा’ यानी हेरोइन की लत खतरनाक रूप लेती जा रही है। कभी पढ़ाई और करियर की बात करने वाले किशोर अब चुपचाप नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। यह नशा न सिर्फ उनके स्वास्थ्य और भविष्य को गर्त में धकेल रहा है, बल्कि समाज और परिवार की नींव को भी हिला रहा है।

AI प्रतीकात्मक फोटो
 गांव से कस्बे तक फैला जाल
कोसी बेल्ट के कई गांवों और कस्बों में यह नशा धीरे-धीरे युवाओं के बीच सामान्य बात बनती जा रही है। खास कर जिले से गुजरने वाली विभिन्न एनएच किनारे बने कई होटल एवं ढाबे में इस नशा के कारोबार और नशा को सेवन करने वाले लोग आसानी से देखे जा सकते है। एक पुड़िया सूखा नशा 300 रुपया से 500 रुपया में आसानी से उपलब्ध है। पुलिस और प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद यह जहर खुलेआम बिक रहा है।
नशे के शिकार हो रहे हैं छात्र व बेरोजगार युवा
राघोपुर, सिमराही, सरायगढ़-भपटियाही, निर्मली और बसंतपुर जैसे पश्चिम बंगाल से सटे इलाकों के कई में छात्र और बेरोजगार युवा इस जानलेवा नशे की चपेट में आ चुके हैं। घर से जेब खर्च मांगने वाले ये बच्चे धीरे-धीरे चोरी-चकारी, मोबाइल छिनतई और साइबर ठगी जैसी आपराधिक गतिविधियों की ओर भी बढ़ रहे हैं।
परिजनों में बेचैनी, समाज में डर
नशे की लत से युवाओं के स्वभाव में आक्रोश, चिड़चिड़ापन और शारीरिक दुर्बलता जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। कई मामलों में माता-पिता अपने ही बच्चों से डरे सहमे रहते हैं। नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या भी सीमित है और पहुंच भी मुश्किल।
 प्रशासन और पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कोशी क्षेत्र में यह नशा का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। कई जगहों पर पुलिस कार्रवाई दिखावटी बनकर रह गई है। हालांकि कुछ हालिया छापेमारी में स्मैक(हेरोइन) बरामद हुई है, लेकिन सप्लाई चेन अब भी कायम है।
सामाजिक संगठनों की अपील
कोसी क्षेत्र के कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और शिक्षक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि युवाओं को बचाने के लिए जिले में विशेष अभियान चलाया जाए। स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम, गांवों में काउंसलिंग और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत बताई जा रही है। यदि समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया तो कोशी क्षेत्र की आने वाली पीढ़ी नशे के दलदल में पूरी तरह डूब सकती है। अब जरूरत है कि प्रशासन, समाज और परिवार मिलकर इस खतरे के खिलाफ एकजुट हों।
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News Bihar Live
Author: News Bihar Live

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